अगर आपका पाचन कमजोर है या अक्सर गैस, एसिडिटी या अपच की समस्या रहती है, तो देसी घी का सेवन न करें.

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यदि आपको फैटी लिवर, हेपेटाइटिस या लिवर संबंधी रोग हैं, तो देसी घी के सेवन से लिवर पर दबाव पड़ सकता है.

जिन्हें हार्ट प्रॉब्लम है, हाई ब्लड प्रेशर या हार्ट अटैक का रिस्क है, उनके लिए देसी घी की ज्यादा मात्रा हानिकारक हो सकती है.

घी में कैलोरी-फैट ज्यादा होते हैं. जो लोग वजन घटाने की कोशिश में हैं, उन्हें घी का सीमित या बिल्कुल सेवन नहीं करना चाहिए.

अगर आपको कफ, खांसी या बुखार है तो घी खाने से कफ और बढ़ सकता है जिससे तकलीफ बढ़ने की संभावना रहती है.

जिनका कोलेस्ट्रॉल लेवल पहले से ही ज्यादा है, उन्हें घी नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा सकता है.

मधुमेह रोगियों को अपने फैट और कैलोरी इंटेक पर ध्यान देना होता है, ऐसे में घी का अधिक सेवन नुकसानदेह हो सकता है.

उम्र बढ़ने के साथ पाचन और मेटाबॉलिज्म कमजोर होता है. बुजुर्गों को घी का सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करना चाहिए.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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