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आयुर्वेद में तुलसी को जड़ी-बूटियों की रानी कहा गया है, क्योंकि इसमें यूजेनॉल और लीनालूल जैसे तत्व होते हैं.
तुलसी की चाय या काढ़ा खांसी, गले की खराश और वायरल बुखार में बेहद कारगर होता है.
तुलसी का काढ़ा बुखार और डेंगू-मलेरिया में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है.
तुलसी पेट की गैस, अपच और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित कर पाचन तंत्र और हृदय दोनों को स्वस्थ रखती है.
इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा को निखारते हैं और बालों के झड़ने को रोकते हैं.
सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी पत्ते या तुलसी की चाय का सेवन सर्दियों में शरीर को गर्म रखता है.
तुलसी हानिकारक गैसों को अवशोषित कर ऑक्सीजन छोड़ती है, जिससे घर और वातावरण दोनों शुद्ध रहते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.