पशुओं का बांझपन सिर्फ दूध की कमी नहीं, बल्कि किसानों की आमदनी पर भी असर डालता है. 

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गलत खानपान, हार्मोन असंतुलन और समय पर प्रजनन न करने से गाय और भैंस में बांझपन बढ़ता है.

गाय और भैंस का यौन चक्र हर 18-21 दिन में आता है. सही समय पर प्रजनन करवाना गर्भ धारण बढ़ाता है.

किसान को अपने पशुओं का रिकॉर्ड रखना चाहिए, कब हीट आया, कब प्रजनन हुआ और दूध देना शुरू हुआ.

प्रोटीन, विटामिन, खनिज और ऊर्जा संतुलित भोजन से हार्मोन संतुलित रहते हैं और गर्भ धारण की संभावना बढ़ती है.

नियमित हरी घास, सूखा चारा, खनिज मिश्रण और साफ पानी देना बांझपन रोकने में मदद करता है.

हर 6 महीने में डीवर्मिंग और प्रजनन क्षमता की जांच कराना आवश्यक है. गर्भावस्था की पुष्टि 60-90 दिन में कर लें.

संक्रमण और गंदगी से गर्भाशय की बीमारियां बढ़ती हैं. साफ और स्वच्छ वातावरण बनाए रखना जरूरी है.

गर्भवती पशु को आरामदायक माहौल, पौष्टिक आहार और हल्का व्यायाम दें, प्रसव से दो महीने पहले दूध निकालना बंद करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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