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फिटकरी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण पौधे को फंगस से बचाते हैं और पत्तियों पर सफेद धब्बे नहीं बनने देते.
फिटकरी की तीखी प्रकृति के कारण छोटे कीड़े, लार्वा और पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले पतंगे भाग जाते हैं.
फिटकरी के असर से पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं जिससे गुलाब के फूल बड़े, गहरे रंग के और सुगंधित बनते हैं.
अगर पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो फिटकरी का पानी देने से उनमें हरियाली लौट आती है और पौधा स्वस्थ दिखता है.
फिटकरी मिट्टी की बनावट में सुधार करती है जिससे नमी देर तक बनी रहती है और पौधा जल्दी सूखता नहीं.
अधिक पानी के कारण जड़ों में सड़न शुरू हो जाए तो हल्के फिटकरी घोल से संक्रमण रोका जा सकता है.
फिटकरी पौधे की इम्युनिटी को बेहतर करती है जिससे वह मौसम के बदलाव और बाहरी हमलों को आसानी से झेल पाता है.
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