फिटकरी मिट्टी का pH बैलेंस करती है जिससे गुलाब की जड़ें पोषक तत्वों को सही तरह से सोख पाती हैं.

Author- Isha Gupta

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फिटकरी में मौजूद एंटीसेप्टिक गुण पौधे को फंगस से बचाते हैं और पत्तियों पर सफेद धब्बे नहीं बनने देते.

फंगल संक्रमण 

फिटकरी की तीखी प्रकृति के कारण छोटे कीड़े, लार्वा और पत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले पतंगे भाग जाते हैं.

खतरनाक कीड़ें

फिटकरी के असर से पौधे की जड़ें मजबूत होती हैं जिससे गुलाब के फूल बड़े, गहरे रंग के और सुगंधित बनते हैं.

खूबसूरत फूल

अगर पत्तियां पीली पड़ रही हैं तो फिटकरी का पानी देने से उनमें हरियाली लौट आती है और पौधा स्वस्थ दिखता है.

पत्तियों का पीलापन

फिटकरी मिट्टी की बनावट में सुधार करती है जिससे नमी देर तक बनी रहती है और पौधा जल्दी सूखता नहीं.

मिट्टी की नमी

अधिक पानी के कारण जड़ों में सड़न शुरू हो जाए तो हल्के फिटकरी घोल से संक्रमण रोका जा सकता है.

जड़ों को बचाए 

फिटकरी पौधे की इम्युनिटी को बेहतर करती है जिससे वह मौसम के बदलाव और बाहरी हमलों को आसानी से झेल पाता है.

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इम्यूनिटी बढ़ाए 

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