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इसका सही उपयोग करने के लिए चाय पत्ती को अच्छे से पानी से धो लें ताकि उसमें मौजूद चीनी और दूध साफ हो जाए.
धोई हुई चाय पत्ती को धूप में सुखाकर रखें. सूखने के बाद इसका पाउडर बनाएं और तुलसी की मिट्टी में मिलाएं.
तुलसी की मिट्टी को पहले थोड़ा खोद लें और फिर उसमें चाय पत्ती पाउडर मिलाकर ऊपर से हल्का पानी छिड़कें.
सूखी हुई चाय पत्ती को सीधे तुलसी के गमले की मिट्टी में मिलाएं. इससे सूखा पौधा भी फिर से हरा-भरा हो सकता है.
तुलसी के पौधे को सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि हर 15-20 दिन में चाय पत्ती की खाद दें ताकि उसकी ग्रोथ लगातार बनी रहे.
बची हुई चाय पत्ती से तैयार खाद से मिट्टी में नमी और पोषण बढ़ता है, जिससे पौधा ज्यादा दिनों तक हरा-भरा बना रहता है.
चाय पत्ती में मौजूद नाइट्रोजन तुलसी के पौधे की जड़ों को ताकत देती है और नई पत्तियों की संख्या बढ़ाती है.
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