जन्माष्टमी का त्योहार भगवान कृष्ण के जन्मदिवस के उपलक्ष में धूमधाम से मनाया जाता है. 

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मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष अष्टमी तिथि में रोहिणी नक्षत्र की रात 12 बजे हुआ था.

इस साल जन्माष्टमी 16 अगस्त को है. 15 अगस्त सुबह 11:49 बजे से तिथि शुरू हो कर 16 अगस्त रात 9:34 बजे समाप्त होगी.

भक्त जन्माष्टमी पर व्रत रखते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा-अर्चना करते हैं. रात को निशीथ काल में पूजा विशेष रूप से की जाती है.

16 अगस्त 2025 की रात्रि में 00:05 से 00:47 बजे तक जन्माष्टमी की पूजा और आराधना का शुभ मुहूर्त रहेगा.

जन्माष्टमी का व्रत 16 अगस्त की रात को 09:24 बजे के बाद पारण किया जा सकता है, जिससे व्रती को धार्मिक फल प्राप्त होता है.

इस दिन कान्हा को मोदक, फल और अन्य भोग चढ़ाए जाते हैं. यह भोग भगवान कृष्ण को प्रिय माना जाता है.

जन्माष्टमी पर हर उम्र के लोग और परिवार मिलकर रात्रि जागरण करते हैं और भगवान कृष्ण की लीला का आनंद लेते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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