भारतीय बाजार, खासकर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर A2 घी को एक सुपरफूड की तरह प्रमोट किया जा रहा है.

PC: Canva

A2 बीटा-कैसीन भारतीय देसी गायों के दूध में पाया जाता है, जबकि A1 प्रोटीन यूरोपीय नस्लों में. 

विशेषज्ञों का कहना है कि घी में प्रोटीन न के बराबर होता है. इसलिए A2 प्रोटीन का दावा करना भ्रामक हो सकता है.

कंपनियां A2 घी को विटामिन्स, ओमेगा-3 और CLA से भरपूर बताती हैं, लेकिन यह आम देसी घी में भी होता है. 

फूड सेफ्टी अथॉरिटी FSSAI ने A1 और A2 लेबलिंग को भ्रामक बताया था और इसे फूड सेफ्टी एक्ट का उल्लंघन माना.

आयुर्वेद में A2 घी को लेकर कोई विशेष उल्लेख नहीं मिलता. कंपनियां पारंपरिक प्रक्रिया के नाम पर इसका प्रचार कर रही हैं.

नामी ब्रांड 600–1000 रु./किलो में देसी घी बेचते हैं, लेकिन A2 टैग जोड़कर वही घी 2000–3000 रु./किलो में बिकता है.

चाहे A1 हो या A2, घी फैट का सोर्स है. इसके अधिक सेवन से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल और हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

Next: किचन गार्डन में उगा सकते हैं जुकीनी, यहां जानें कैसे