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अगर आप हल्का और स्लिम दही पसंद करते हैं, तो गाय का टोंड मिल्क इस्तेमाल करें.
वहीं, गाढ़ा और क्रीमी दही चाहिए हो, तो भैंस का फुल क्रीम दूध सबसे अच्छा काम करता है.
सर्दियों में बाहरी तापमान कम होने के कारण दही बनने की जैविक प्रक्रिया सुस्त पड़ जाती है.
दही जमाने से पहले दूध को सिर्फ इतना गर्म करें कि वह गुनगुना रह जाए. बहुत गर्म दूध बैक्टीरिया को मार सकता है.
अगर मार्केट वाला कल्चर नहीं है, तो हरी मिर्च का लें. इसके डंठल में मौजूद लैक्टोबैसिलस दही जमने में मदद करता है.
जामवन डालने के बाद दही को 8–10 घंटे तक बिना छेड़छाड़ छोड़ देना चाहिए. छेड़छाड़ से उसकी संरचना बिगड़ जाती है.
ठंडे मौसम में बर्तन को एक बड़े भगोने में रखे गुनगुने पानी के भीतर रखने से तापमान स्थिर रहता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.