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मछली पालन इन दिनों तेजी से बढ़ता हुआ व्यवसाय बन चुका है. गांव हो या शहर, लोग इसे अच्छा कमाई का जरिया मानते हैं.
लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि इस काम में मुनाफा तभी होता है, जब मछलियां पूरी तरह से स्वस्थ हों.
अगर मछली बीमार है, तो न उसका वजन सही से बढ़ेगा और न ही बाजार में सही दाम मिलेगा.
इसलिए यह जरूरी है कि मछली पालक समय रहते यह पहचान सकें कि मछली स्वस्थ है या नहीं.
स्वस्थ मछली की सबसे पहली पहचान होती है उसका चमकदार और साफ रंग.
अगर मछली का रंग एक जैसा और प्राकृतिक लगे, तो समझिए वह बिलकुल ठीक है.
लेकिन अगर रंग फीका लगे, जगह-जगह से बदला हुआ हो या उस पर सफेद धब्बे दिखें-तो ये बीमारी का संकेत हो सकता है.
स्वस्थ मछली का शरीर एकदम साफ-सुथरा, संगठित और संतुलित होता है. पंख और पूंछ मांसपेशियों से कसकर जुड़ी होती हैं.
अगर पूंछ कटी-फटी हो, पंख सड़ने लगे हों या शरीर का कोई हिस्सा अलग-सा दिखे, तो सावधान हो जाइए.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.