सर्दियों में सांपों के बारे में कई मिथक फैल जाते हैं. लोग सोचते हैं कि ठंड में ये ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं. 

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लेकिन सच्चाई कुछ अलग ही है. ठंड में सांप सुस्त और कमजोर हो जाते हैं, ज्यादातर समय छिपकर रहते हैं.

ठंड में उनका रक्त जमने लगता है, भूख लगती है लेकिन वे खा नहीं पाते, जिससे उनकी मानसिक स्थिति सुस्त और सतर्क रहती है.

सर्दियों में सांप सूरज की धूप में आते हैं, लेकिन केवल सुस्त पड़ने और शरीर को गर्म रखने के लिए. 

ठंड में सांप की ऊर्जा कम हो जाती है, वे न भाग सकते हैं, न शिकार कर सकते हैं और सुरक्षित कोनों में छिपकर आराम करते हैं.

सामान्य समय में 16 घंटे सोने वाले सांप सर्दियों में 20–22 घंटे तक सोते हैं, बड़े अजगर कई दिन बिना हिले रहते हैं.

सर्दियों में सांप हाइबरनेशन में चले जाते हैं, शरीर का तापमान वातावरण के अनुसार हो जाता है.

सर्दियों में सांप धान, भूसी, मिट्टी के बिल या गुफाओं में छिपते हैं, जहां गर्मी और सुरक्षा दोनों मिलती है.

सर्दियों में सांप ज्यादातर समय सोए रहते हैं. गलती से संपर्क होने पर ही वे अपनी रक्षा में जहर छोड़ते हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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