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सही समय पर जैविक और वैज्ञानिक उपाय न अपनाए जाएं, तो यह रोग किसानों की मेहनत पर पानी फेर सकता है.
फ्यूजेरियम विल्ट में पौधे पहले हल्के मुरझाते हैं, फिर पूरी तरह सूखने जाते हैं. समय रहते पहचान से नुकसान कम हो जाता है.
वैज्ञानिकों के अनुसार इस रोग के खिलाफ पूरी तरह प्रतिरोधी किस्में कम हैं, इसलिए केवल केमिकल दवाएं समाधान नहीं हैं.
ट्राइकोडर्मा एक उपयोगी जैव फफूंद है, जो हानिकारक फ्यूजेरियम को बढ़ने से रोकती है और जड़ों को मजबूत बनाती है.
रोपाई के समय ट्राइकोडर्मा मिलाने से पौधों की शुरुआती बढ़वार अच्छी होती है और रोग का खतरा कम हो जाता है.
नीम अर्क मिट्टी की गुणवत्ता सुधारता है और रोग फैलाने वाले फफूंद को नियंत्रित करने में मदद करता है.
लहसुन के तेल में मौजूद एंटीफंगल गुण फ्यूजेरियम जैसे रोगजनकों पर असरदार तरीके से काम करते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.