बरसात में हवा में नमी के कारण बकरी का चारा फंगस या बैक्टीरिया से दूषित होता है. यह दस्त का सबसे बड़ा कारण बनता है.

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गंदा पानी पिलाना या पुराना व सड़ा चारा खिलाना बकरियों के पेट की समस्या और दस्त का सीधा कारण बनता है. 

बारिश में जरूरत से ज्यादा हरा चारा देने से बकरियों का पाचन तंत्र गड़बड़ा सकता है, जिससे दस्त की आशंका बढ़ जाती है.

मौसम में बदलाव के दौरान भारी अनाज का सेवन कम कर दें ताकि बकरी का पाचन ठीक रहे और दस्त न हों.

बरसात में पेट में कीड़े होने की संभावना ज्यादा रहती है. समय पर कृमिनाशक दवा देना दस्त से बचाने में मददगार होता है.

अगर दस्त घरेलू नुस्खों से नहीं रुके तो तुरंत पशु चिकित्सक की सलाह लें. देर करने से हालत गंभीर हो सकती है.

दस्त की गंभीर स्थिति में इंजेक्शन जरूरी हो सकता है, लेकिन बिना डॉक्टर के कहे इसे न लगवाएं.

दस्त की हर दवा हर बकरी के लिए सुरक्षित नहीं होती. खुद से दवा देने से बचें और डॉक्टर की सलाह लें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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