बारिश के कारण खेतों में पानी भर जाता है और मेड़ों पर उगी गीली घास को कुछ किसान मवेशियों को खिला देते हैं. 

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बीमार मवेशी न तो दूध दे पाते हैं और न ही पोषण ग्रहण कर पाते हैं, जिससे किसान को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है.

पशु एक्सपर्ट मानते हैं कि मवेशियों का चारा भी मौसम के हिसाब से बदलते रहना चाहिए.

बरसात में नेपियर घास (राजा घास) और मक्का एक बेहतरीन विकल्प हैं, क्योंकि ये दोनों बारिश में भी सुरक्षित और पोषक होते हैं.

नेपियर को “हाथी घास” भी कहा जाता है. यह हर मौसम में उगती है और दूध देने वाले पशुओं के लिए एक पौष्टिक आहार है.

इसमें 55–60% ऊर्जा, 8–10% प्रोटीन और 26–28% कच्चा फाइबर होता है. यह मवेशियों की सेहत सुधारता है.

गीली और सड़ी हुई घास से मवेशियों को डायरिया, अपच और थनैला जैसी बीमारियां हो सकती हैं. 

बरसात से पहले चारे को काटकर सूखे स्थान पर स्टोर करें. नेपियर जैसी घास को गांठों में बांधकर सुखाकर रखा जा सकता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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