बाढ़ में पशु बिछड़ सकते हैं. ऐसे में कान में लगा यूनिक 12 डिजिट का टैग उनकी पहचान और ट्रैकिंग में मदद करता है. 

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पेट में पलने वाले कीड़े बारिश में ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं. समय पर दी गई कृमिनाशक दवा पशु को स्वस्थ रखती है. 

बाढ़ में मवेशियों की मौत से बड़ा नुकसान हो सकता है. बीमा योजना से जुड़कर आप आर्थिक संकट से बच सकते हैं. 

बाढ़ के मौसम में खुरपका, मुंहपका, गलघोंटू जैसी बीमारियां फैलती हैं. सही समय पर टीका लगवाकर इनसे बचाव संभव है. 

पानी बढ़ने पर पशु अगर बंधे रहेंगे तो डूब सकते हैं. उनकी रस्सी खोल दें ताकि वे खुद को बचाने की कोशिश कर सकें. 

डर, तैराकी और थकावट से मवेशियों की ऊर्जा घटती है. ऐसे में उन्हें पौष्टिक चारा देना बेहद जरूरी है.

बाढ़ की चेतावनी मिलते ही मवेशियों को पहले से तय ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करें. 

बाढ़ के समय डॉक्टर तक पहुंच मुश्किल हो सकती है. ऐसे में दवाइयां, पट्टियां और जरूरी इलाज का सामान घर में रखें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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