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ऐसे में शेड में अमोनिया गैस बनने लगती है जो की मुर्गियों के लिए बेहद खतरनाक हो सकती है.
अमोनिया शरीर में टॉक्सिन की तरह फैलता है, जिससे मुर्गियां कम दाना खाने लगती हैं और उनका वजन बढ़ना रुक जाता है.
गैस मुर्गियों के फेफड़ों और श्वास नली को नुकसान पहुंचाती है, जिससे उन्हें CRD जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है.
अमोनिया से प्रभावित मुर्गियों के पोस्टमार्टम में फेफड़ों में सूजन, दिल में पानी, लिवर-किडनी का आकार बढ़ा पाया जाता है.
शेड में सूखा, साफ और ताजा बुरादा हमेशा बिछाएं. नमी दिखने पर तुरंत बुरादा बदलें, ताकि गैस बनने से बचा जा सके.
अमोनिया बनने से रोकने के लिए बुरादे में चूना और अमोनिया बाइंडर मिलाएं. यह गैस को बनने से रोकते हैं.
हवा के अच्छे प्रवाह से गैस बाहर निकलती रहती है. इसलिए शेड में वेंटिलेशन मजबूत रखें और हवा का आवागमन बनाए रखें.
मुर्गियों को समय-समय पर लिवर टॉनिक और डायूरेटिक दें. यदि गैस ज्यादा महसूस हो, तो तुरंत पशु विशेषज्ञ से संपर्क करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.