कॉक्सी बीमारी गीले और गंदे बुरादे में पनपने वाले ऊसाइट नामक सूक्ष्म जीव से फैलती है. इससे मुर्गियों की आंतें संक्रमित होती हैं.

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कॉक्सी का प्रमुख लक्षण मुर्गियों की बीट का लाल होना, सुस्त रहना, झुकी गर्दन और दाना-पानी नहीं खाना है.

अगर बीमार मुर्गी को समय पर अलग नहीं किया गया, तो यह बीमारी तेजी से पूरी फार्म में फैल जाती है.

बुरादे में मौजूद नमी ही बीमारी का सबसे बड़ा कारण है. गीले या सड़े हुए बुरादे को तुरंत हटा देना चाहिए.

बीमारी से बचाव के लिए मुर्गियों को दिए जाने वाले दाने में एंटी-कॉक्सी दवा जरूर मिलाएं. यह संक्रमण को फैलने से रोकता है.

जैसे ही कोई मुर्गी बीमार दिखे या उसकी बीट लाल हो, तुरंत उसे बाकी पक्षियों से अलग कर दें ताकि संक्रमण न फैले.

यदि कॉक्सी की पुष्टि हो जाए तो बिना समय गंवाए पशु चिकित्सक या पोल्ट्री विशेषज्ञ से संपर्क करें और सही इलाज शुरू करें.

यदि समय रहते इलाज और रोकथाम की प्रक्रिया अपनाई जाए तो कई मुर्गियों की जान बचाई जा सकती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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