बरसात का मौसम पोल्ट्री फार्मिंग के लिए चुनौतीपूर्ण होता है. इस समय मुर्गियां कई बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं. 

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बरसात का पानी मुर्गियों के शेड में न जमा हो. शेड को जमीन से ऊपर बनाएं और नीची जगहों पर जल निकासी सुनिश्चित करें.

बाड़े और शेड को रोजाना झाड़ू से साफ करें और समय-समय पर कीटाणुनाशक दवा का छिड़काव करें.

शेड में चूना छिड़कने से नमी कम रहती है, ठंड से बचाव होता है और कीट-मक्खियों का विकास रुकता है.

मुर्गियों को पर्याप्त वेंटिलेशन मिले. ताजी हवा से न केवल रोग कम होते हैं बल्कि मुर्गियों की सेहत भी बेहतर रहती है.

शेड के आसपास गंदा या खड़ा पानी न होने दें. पानी जमा होने से मच्छर और संक्रमण फैल सकते हैं.

हरे चारे और पोषक तत्वों से भरपूर आहार मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है.

पशु चिकित्सक की देखरेख में सभी जरूरी वैक्सीन लगवाएं ताकि बीमारियों का खतरा कम हो.

संक्रमित मुर्गियों को तुरंत अलग कर दें ताकि बाकी स्वस्थ पक्षियों तक संक्रमण न पहुंचे.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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