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ज्यादा या कम यूरिया फसल को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए किसानों को संतुलित खाद प्रबंधन अपनाना चाहिए.
ज्यादा यूरिया डालने से पौधे कमजोर और नरम हो जाते हैं, जिससे कीटों का खतरा बढ़ जाता है.
पौधों की ज़रूरत के हिसाब से समय पर खाद देने से उत्पादन बेहतर होता है और लागत भी कम आती है.
यह प्लास्टिक की पट्टी पत्तों के रंग देखकर यूरिया की सही जरूरत बताती है.
हल्का हरा या पीला रंग पौधे में नाइट्रोजन की कमी दर्शाता है, जबकि गहरा हरा रंग पर्याप्त मात्रा बताता है.
सही आंकलन के लिए खेत में अलग-अलग जगह से 10 पौधे चुनकर जांच करनी चाहिए.
LCC का उपयोग करते समय ध्यान रहे कि पत्तियों पर सीधी धूप न पड़ रही हो, वरना रंग की सही पहचान नहीं हो पाएगी.
LCC की मदद से किसान सिर्फ उतनी ही खाद डालते हैं जितनी पौधे को चाहिए, जिससे लागत घटती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.