धान की फसल में खरपतवार उत्पादन को कम कर देता है और किसानों के लिए बड़ी चुनौती बन जाता है. 

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सही नाशक और तकनीक के इस्तेमाल से आप फसल बचा सकते हैं और बेहतर पैदावार पा सकते हैं.

जलकुंभी और कर्मी जैसे जलीय खरपतवार पानी वाले खेतों में तेजी से बढ़ते हैं और फसल के लिए खतरा बनते हैं.

रोपाई के 2-3 दिन बाद 600-700 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें. हल्का पानी होने पर इसका असर बेहतर होता है.

1.5 लीटर प्रति हेक्टेयर की दर से रोपाई के 2-3 दिन के अंदर छिड़काव करना चाहिए, जिससे फसल में खरपतवार नहीं उगते.

यह प्रीइमर्जेंस खरपतवार नाशक है. बुवाई के 3-5 दिन में 2.5 लीटर प्रति हेक्टेयर दर से पानी में घोलकर छिड़काव करें.

पैडी ट्रांसप्लांटर और जीरो टिलेज विधि में रोपाई के 3-5 दिन बाद 500 मिली प्रति हेक्टेयर दर से छिड़काव करें.

200 ग्राम प्रति हेक्टेयर दर से 600-700 लीटर पानी में घोल बनाकर 8-10 दिन में छिड़काव करें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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