बाढ़ के समय फसल ही नहीं, पशुओं की जान भी खतरे में होती है. ऐसे में पशुपालकों को कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा.

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बाढ़ आने पर सबसे पहले पशुओं को ऊंचाई वाली जगह या सुरक्षित स्थान पर पहुंचाएं. 

बाढ़ से पहले पशुओं के लिए सूखा चारा बांधकर सुरक्षित जगह पर रखें. गीला चारा न खिलाएं.

बाढ़ के दौरान पशुओं को क्लोरीन मिलाकर उबाला और ठंडा किया हुआ पानी दें. 

पशुशाला से कीचड़ हटाकर चूना या फिनायल डालें. इससे संक्रमण का खतरा कम होगा और पशु स्वस्थ रहेंगे.

पशुओं को नहलाकर उनके शरीर से जोंक और कीट हटाएं. खुर को साफ करें और पोटैशियम परमैंगनेट वाले पानी का प्रयोग करें.

अगर कोई पशु चोटिल या बीमार है तो उसे बाकी पशुओं से अलग रखें. तुरंत नजदीकी पशु चिकित्सक को दिखाना जरूरी है.

पशुओं को संतुलित मात्रा में चारा और पानी दें. ज्यादा खिलाने या पानी पिलाने से पाचन संबंधी समस्या बढ़ सकती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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