सितम्बर में मौसम का उतार-चढ़ाव पशुओं के लिए चुनौती बन सकता है. ऐसे में सफाई और टीकाकरण से उनकी सेहत सुरक्षित रखें.

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दिन में तेज धूप से बचाकर पशुओं को छांव में रखें और रात को उन्हें छप्पर या बंद जगह में बांधें.

गर्मी और बरसात में ठंडा, साफ पानी नियमित रूप से दें ताकि वे पानी की कमी होने से बचें.

बारिश के समय कीचड़ और गंदगी से बचाव के लिए बाड़े को ऊंचा और सूखा जगह पर बनाएं.

बाड़े में पानी जमा न हो, इसके लिए पक्की जल निकासी व्यवस्था करें.

थाइलेरिया, ट्रिपैनोसोमा, बबेसिया, साल्मोनेलोसिस जैसी बीमारियों से बचने के लिए साफ-सफाई और कीट नियंत्रण जरूरी.

गलाघोंटू (HS), लंगड़ी बुखार (BQ) और अन्य जानलेवा रोगों से सुरक्षा के लिए पशु चिकित्सक की सलाह से टीके लगवाएं.

हरा चारा जल्दी खराब होता है, इसलिए इसे सूखी और हवादार जगह पर रखें, या साइलेज बनाकर सुरक्षित करें.

केवल हरा चारा न दें, हरा और सूखा चारा मिलाकर खिलाएं ताकि पाचन सही रहे और पशु स्वस्थ रहें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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