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ऑक्सीटोसिन हार्मोन, जिसे 'हैप्पी हार्मोन' कहा जाता है, दूध उत्पादन के लिए जरूरी है और मस्तिष्क में बनता है.
यह हार्मोन पिट्यूटरी ग्रंथि में संग्रहित होता है और दूध स्त्राव को प्रेरित करता है.
केवल पशु चिकित्सक की सलाह पर ही ऑक्सीटोसिन का इस्तेमाल करना चाहिए. इसका अनियंत्रित उपयोग खतरनाक है.
ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन से दूध तुरंत बढ़ सकता है, लेकिन यह पशु और इंसानों दोनों के लिए नुकसानदेह है.
गलत तरीके से हार्मोन का इस्तेमाल करने से बछड़े की मौत और इंसानों में स्वास्थ्य संबंधी खतरे बढ़ सकते हैं.
प्राकृतिक तरीके से हार्मोन बढ़ाने के लिए पशुओं को प्यार से पालें, उनका ध्यान रखें और उन्हें अच्छा चारा दें.
दूध निकालते समय संगीत चलाना, गाय को सहलाना और पुचकारना जैसे पारंपरिक उपाय भी दूध उत्पादन बढ़ाने में मदद करते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.