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मवेशियों को हमेशा छांव में रखें, खासकर दोपहर 11 बजे से शाम 4 बजे तक. इस दौरान उन्हें धूप में चराने से बचाएं.
गौशाला को साफ और हवादार रखें. दिन में 4-5 बार मवेशियों को ताजा व ठंडा पानी जरूर पिलाएं ताकि डिहाइड्रेशन न हो.
गौशाला में पंखा या कूलर लगाएं. अगर मवेशी हांफने लगें तो उन्हें दिन में 2-3 बार नहलाएं.
गर्मी में मवेशियों को ठंडी तासीर वाला आहार दें. हरी घास उनकी पाचन शक्ति बढ़ाती है और दूध उत्पादन भी बेहतर होता है.
तेज धूप से बचाव के लिए मवेशियों को दिन के गर्म समय में बाहर ले जाने से बचाएं. लू लगने की स्थिति में तुरंत उपचार करें.
गर्भवती और दुधारू मवेशियों को अधिक देखभाल की जरूरत होती है क्योंकि गर्मी उन्हें ज्यादा प्रभावित करती है.
अगर मवेशी सुस्त, बेचैन या कमजोर दिखें, तो ये लक्षण बीमार पड़ने के हो सकते हैं. तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.