जन्म के तुरंत बाद बछिया की नाक और मुंह से कफ हटाना जरूरी है, ताकि सांस लेने में दिक्कत न हो.

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शरीर पर मौजूद श्लेष्मा को साफ सूती कपड़े से धीरे-धीरे साफ करें और बछिया को गर्म और सूखे स्थान पर रखें.

जन्म के 30-60 मिनट के भीतर खीस जरूर पिलाएं, क्योंकि इसमें मौजूद एंटीबॉडीज बछिया को संक्रमण से बचाते हैं.

शुरुआत के तीन दिन तक भरपूर मात्रा में खीस देना बछिया के इम्यून सिस्टम को विकसित करने के लिए बेहद जरूरी होता है.

एक हफ्ते बाद थोड़ी-थोड़ी मात्रा में साफ हरा चारा और पोषणयुक्त दाना देना शुरू करें, ताकि उसका पाचन अनुकूल हो सके.

बछिया को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए साफ और ताजा पानी हमेशा उपलब्ध कराएं, लेकिन ध्यान दें कि पानी गंदा न हो.

बछिया को रखने की जगह मजबूत, बंद और ऊंची होनी चाहिए ताकि उसे कुत्तों या अन्य जानवरों से खतरा न हो.

सुस्ती, दस्त, जुकाम, दूध न पीने की आदत या कमजोरी दिखे तो तुरंत पशु चिकित्सक से संपर्क करें. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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