बरसात शुरू होने से पहले ही पशुओं को जरूरी बीमारियों जैसे एफएमडी के लिए टीके लगवा दें.

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नमी और कीचड़ से बीमारियों का खतरा बढ़ता है, इसलिए पशुशाला को सूखा, हवादार और साफ रखें.

बारिश में खुर-मुंह रोग तेजी से फैलता है. गाय, भैंस, बकरी आदि इससे प्रभावित हो सकते हैं.

पशुओं के खुर और पैरों को एक प्रतिशत पोटैशियम परमैगनेट के घोल से धोने से संक्रमण से बचाव होता है.

मुंह में संक्रमण से बचाने के लिए पशु की जीभ पर बोरिक एसिड और ग्लिसरीन का पेस्ट लगाएं.

बारिश में हवा में नमी अधिक होने के कारण बैक्टीरिया पनपते हैं. नियमित सफाई से इन्हें नियंत्रित करें.

कीचड़ में खड़े रहने से खुर की बीमारी और फंगल संक्रमण का खतरा रहता है. सूखी जगह पर रखें.

कोई भी लक्षण दिखे तो खुद इलाज न करें, तुरंत पशु चिकित्सक से परामर्श लें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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