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शुरुआती लक्षणों में तेज बुखार, बेचैनी और आंखों का लाल होना शामिल है. ये संकेत गंभीर खतरे की शुरुआत होते हैं.
2-3 दिन के अंदर मसूड़ों व जीभ पर दाने और घाव बन जाते हैं, जिससे मुंह से लगातार लार टपकती है.
संक्रमण बढ़ने पर बदबूदार और खून वाले दस्त शुरू हो जाते हैं, जिससे पशु कमजोर होकर डिहाइड्रेट हो जाता है.
अगर समय रहते इलाज न मिले, तो यह वायरस संक्रमित पशु की 3 से 9 दिन में जान ले सकता है.
समय पर टीकाकरण इस वायरस के खिलाफ सबसे मजबूत ढाल है. भारत सरकार की मुहिम से इसका असर कम हुआ है.
पशुओं के बर्तन, हाथ और कपड़े साफ रखना जरूरी है. बीमार पशु को तुरंत बाकी से अलग करें.
सरकारी निगरानी और टीकाकरण से भारत में रिन्डरपेस्ट अब लगभग खत्म हो चुका है, लेकिन थोड़ी भी लापरवाही भारी पड़ सकती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.