इस साल पितृ पक्ष 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर को अमावस्या के दिन समाप्त होगा.

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जिनके पूर्वजों की मृत्यु पूर्णिमा तिथि पर हुई है, उनका श्राद्ध 7 सितंबर को किया जाएगा.

इस बार पितृ पक्ष की शुरुआत चंद्र ग्रहण से हो रही है, इसलिए सूतक काल का विशेष ध्यान रखना जरूरी है.

7 सितंबर को रात 9:47 बजे से 1:27 बजे तक पूर्ण चंद्र ग्रहण रहेगा, जबकि सूतक 12:57 बजे से शुरू हो जाएगा.

पूर्णिमा का श्राद्ध ग्रहण से पहले यानी दोपहर 12:30 बजे तक करना उत्तम माना गया है.

पीपल के नीचे कुशा की जूड़ी और जल से तर्पण करें. इसे पूर्वजों के प्रति श्रद्धांजलि का सबसे श्रेष्ठ तरीका माना गया है.

तर्पण के बाद भोजन में से एक रोटी गाय को, एक रोटी कुत्ते को और एक रोटी कौओं को खिलाना शुभ फल देता है.

छत पर जल और दाने रखना तथा ब्राह्मण भोजन और अमावस्या पूजन करना पितरों को प्रसन्न करने के लिए आवश्यक है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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