बुवाई करते समय कैसा होना चाहिए आलू का बीज, कठोर या मुलायम?

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आलू की फसल जमीन के अंदर होती है, इसलिए खेत की मिट्टी में पर्याप्त पोषक तत्व होना बहुत जरूरी है.

 जितना जरूरी आलू की बुवाई के समय खाद और पानी देना है, उतना ही जरूरी है कि मिट्टी पहले से स्वस्थ और फफूंदी मुक्त हो.

आलू लगाने से पहले किसान भाई अपने खेत की मिट्टी में फफूंदी खत्म करने के लिए फफूंदनाशी दवाओं का जरूर इस्तेमाल करें.

 इससे मिट्टी में छिपी बीमारियां खत्म होती हैं, आलू की फसल सुरक्षित रहती है और पैदावार भी अच्छी होती है.

आलू की अच्छी खेती के लिए खेत की मिट्टी भुरभुरी दोमट होनी चाहिए, जिसमें पानी आसानी से निकले.

 अगर खेत ताकतवर हो और उसमें गोबर की खाद का अच्छे से उपयोग किया गया हो, 3 से 4 महीने में अच्छी फसल तैयार हो जाएगी.

अगर बीज आलू बहुत बड़ा है, तो किसान उसे सावधानी से टुकड़ों में काट सकते हैं, जिससे वह आसानी से बोया जा सके.

बुवाई के लिए आलू के कंद बहुत सख्त नहीं होने चाहिए. बीज का आकार और वजन सही होना चाहिए.

 कई बार बीज में ऐसी बीमारियां छिपी होती हैं जो खेत में फैलकर पूरी फसल को खराब कर देती हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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