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अगले महीने से आलू की रोपाई शुरू हो जाएगी. लेकिन बहुत से किसान किस्मों को लेकर असमंजस में हैं.
ऐसे में आज हम इन किसानों को आलू की एक एसी किस्म के बारे में बताएंगे, जो बहुत कम समय में तैयार हो जाती है.
अगर किसान आलू से ज्यादा कमाई करना चाहते हैं, तो उन्हें बायोफोर्टिफाइड आलू की ‘कुफरी जामुनिया’ किस्म की खेती कर सकते हैं.
कुफरी जामुनिया एक नई और उन्नत किस्म है, जो मध्यम अवधि में ज्यादा उत्पादन देती है.
यह किस्म करीब 90 दिनों में तैयार हो जाती है और इसकी औसत उपज 320 से 350 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है.
यह एक बायोफोर्टिफाइड किस्म है. इसमें खासतौर पर एंथोसायनिन नाम का एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है.
एंटीऑक्सीडेंट इसके गूदे को बैंगनी रंग देता है और सेहत के लिए फायदेमंद है. इसी चलते इसकी मांग बढ़ रही है
खेत की जुताई करते समय उसमें अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद 15 से 30 टन प्रति हेक्टेयर की दर से मिला देनी चाहिए.
रासायनिक खादों का उपयोग मिट्टी की उपजाऊ शक्ति, फसल चक्र और आलू की किस्म पर निर्भर करता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.