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स्टार्टर फीड खासतौर पर छोटे चूजों के लिए डिज़ाइन की जाती है, जो तेज़ पचती है और उन्हें बीमारियों से बचाने में मदद करती है.
6 हफ्तों के बाद चूजों को ग्रोवर फीड दें जिसमें प्रोटीन और कैल्शियम कम होता है, ताकि उनका वजन सही तरीके से बढ़े.
अगर ग्रोवर फीड समय पर नहीं दी गई तो चूजों की किडनी और लिवर डैमेज हो सकते हैं, जिससे उनकी जान भी जा सकती है.
चूजों की उम्र के हिसाब से स्टार्टर (0-6 हफ्ते), ग्रोवर (6-20 हफ्ते) और लेयर फीड (20+ हफ्ते) देना जरूरी है.
जब मुर्गियां अंडे देने लगती हैं, तब लेयर फीड दी जाती है जिसमें अंडा उत्पादन के लिए जरूरी न्यूट्रिशन मौजूद होता है.
बाजार में कई ब्रांड की फीड मिलती है लेकिन सिर्फ भरोसेमंद कंपनियों का ही चारा इस्तेमाल करें.
हर स्टेज पर पशु डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है ताकि चूजों को सही पोषण मिल सके और बीमारियों से बचा जा सके.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.