सोनाली मुर्गी आज ग्रामीण और छोटे शहरों में किसानों की पहली पसंद बन गई है. 

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देसी लुक के साथ तेज ग्रोथ और उच्च अंडा-मांस उत्पादन इसे सबसे मुनाफे वाली हाइब्रिड नस्ल बनाते हैं.

सोनाली मुर्गी 2–3 महीनों में 1.5–2 किलो वजन पकड़ लेती है और हर मौसम में आसानी से ढल जाती है. 

यह मुर्गी साल भर 180–200 अंडे देती है. देसी रंग और बेहतर गुणवत्ता के कारण बाजार में आसानी से बिकते हैं.

सिर्फ 3 महीनों में बाजार योग्य वजन पकड़ने वाली ये मुर्गी बाजारों में 250–500 रुपये प्रति किलोग्राम बिकती है.

यह मुर्गी घर के बचा हुआ खाना, अनाज और स्थानीय दाने से आसानी से पाली जा सकती है. 

100 मुर्गियों के फार्म से रोज 60–80 अंडों की बिक्री और मांस से 4 महीनों में 60,000–1,00,000 की आय संभव है.

देसी दिखावट और स्वाद के साथ यह ब्रायलर की तुलना में अधिक पसंद की जाती है. उपभोक्ता इसे जल्दी पहचानते हैं.

संतुलित चारा, पानी और साफ-सफाई पर ध्यान देने से किसान कम मेहनत में उच्च उत्पादन हासिल कर सकते हैं. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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