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बारिश के मौसम में मुर्गीपालन करने वाले किसानों के लिए यह समय काफी चुनौतीपूर्ण होता है.
नमी, कीचड़ और खराब वेंटिलेशन मुर्गियों के लिए बीमारियों का कारण बन सकते हैं.
इसी को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने मुर्गीपालकों को कुछ अहम सुझाव दिए हैं.
इन सुझावों को अपनाकर मुर्गियों को बीमारियों से बचाया जा सकता है और उत्पादन में गिरावट से भी बचा जा सकता है.
बरसात में फर्श हमेशा सूखा रहना चाहिए, ताकि संक्रमण से बचा जा सके.
इसके लिए बिछावन सामग्री जैसे भूसी या लकड़ी की बुरादा समय-समय पर बदलते रहें.
जहां भी गीलापन हो, वहां तुरंत सूखी सामग्री डालें. शेड की छत और दीवारों से पानी नहीं टपकना चाहिए.
अगर कहीं से रिसाव हो रहा हो तो तुरंत मरम्मत कराएं. साफ-सुथरा और सूखा शेड ही मुर्गियों को स्वस्थ रखने का सबसे जरूरी उपाय है.
मुर्गीपालन के शेड में साफ-सुथरे वातावरण के साथ-साथ अच्छी हवा का प्रवाह भी बेहद जरूरी है.
अगर शेड में वेंटिलेशन यानी हवा के आने-जाने की सही व्यवस्था नहीं होगी, तो मुर्गियों को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.