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दूध, मांस, तेजी से प्रजनन और शहरी क्षेत्रों में आसानी से पाले जाने की वजह से यह खास है.
बरबरी बकरी को लोग "शहरी बकरी" भी कहते हैं क्योंकि इसे घर की छत या छोटे आंगन में भी आसानी से पाला जा सकता है.
नर बकरे का वजन 35-40 किलो और मादा का 25-30 किलो तक होता है. छोटे आकार के बावजूद यह तेजी से वजन पकड़ती है.
बरबरी का दूध न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है. इसका मांस मुलायम और स्वादिष्ट होता है.
इसे चराने की जरूरत नहीं होती. घर में रखकर ही अच्छे से पाला जा सकता है, इसलिए यह शहरी इलाकों के लिए बेस्ट है.
यह साल में दो बार बच्चे देती है और हर बार 2–3 बच्चे हो सकते हैं. यानी कम समय में ज्यादा बकरियां और ज्यादा कमाई.
लोबिया, चना, मक्का, भूसा और नीम की पत्तियां इसका पसंदीदा भोजन है. इसे ज्यादा खर्च या मेहनत की जरूरत नहीं होती.
बरबरी नस्ल की बकरी बहुत कम बीमार पड़ती है. इससे इलाज पर होने वाला खर्च भी कम आता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.