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अपनी अनोखी खूबसूरती और दुर्लभता के कारण दुनियाभर में इन्हें खास अहमियत दी जाती है.
अरौकाना मुर्गियां चिली के अरौकाना इलाके की हैं. ये केवल नीले अंडे ही नहीं देतीं, बल्कि हरे अंडे भी देती हैं.
1914 में स्पेन के पक्षी वैज्ञानिक साल्वाडोर कैस्टेल ने पहली बार अरौकाना मुर्गियों को देखा और इन्हें नाम दिया.
नीले और रंग-बिरंगे अंडे देने वाली अन्य नस्लों में अमेरौकाना, ईस्टर एगर, क्रीम लेगबार और ऑलिव एगर शामिल हैं.
ईस्टर एगर मुर्गियां नीले, हरे और गुलाबी अंडे देती हैं. इन्हें देखने में बेहद आकर्षक माना जाता है.
नीले अंडे का रंग एक विशेष रेट्रोवायरस की वजह से बदलता है, जो मुर्गी के जीनों को प्रभावित करता है.
नीले अंडों का रंग अलग होता है, लेकिन पोषण या खाने की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ता.
क्रीम लेगबार हल्के नीले अंडों के लिए मशहूर है, जबकि ऑलिव एगर नीले और भूरे अंडे देती हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.