मुर्गियों की बीट से निकलने वाली बदबू मक्खियों को आकर्षित करती है. रोज फिनाइल डालें और बाड़े की सफाई करें.

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बाड़े के आसपास मैलाथियान का स्प्रे करें और खुले गड्ढों को मिट्टी से भर दें ताकि मच्छरों को पनपने का मौका न मिले.

गीला बिछावन मुर्गियों को पैर की बीमारियां दे सकता है. रोजाना बिछावन बदलें और सूखा चूना या राख डालें.

जहां पानी जमा हो वहां सूखा चूना या राख डालें. यह नमी को सोखने के साथ कीटों के अंडों को भी नष्ट करता है.

मुर्गियों को साफ पानी और दाना ही दें. बरसात में बर्तन रोज धोकर ढककर रखें ताकि उनमें गंदगी या बारिश का पानी न जाए.

गंदा पानी मुर्गियों को डायरिया और आंतों की बीमारियों में डाल सकता है. रोजाना पानी की जांच करें.

सप्ताह में एक बार मुर्गियों को पिपराजीन साल्ट दें ताकि पेट के कीड़े और संक्रमण से बचाव हो सके. डॉक्टर से सलाह जरूर लें.

एक बीमार मुर्गी से पूरा झुंड बीमार हो सकता है. किसी भी लक्षण पर तुरंत उपचार करें और अन्य मुर्गियों को अलग रखें.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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