मुर्गियों की सेहत सीधे उनकी उत्पादन क्षमता और किसान की आमदनी से जुड़ी होती है. 

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सर्दियों में समय पर रोकथाम न करने पर सांस की बीमारियों से भारी नुकसान हो सकता है. 

तापमान गिरने से मुर्गियों की इम्युनिटी कमजोर होती है और वे आसानी से सर्दी-जुकाम और कोरिजा की चपेट में आती हैं.

फर्श पर 6 इंच मोटाई का बिछावन और हीटर/बल्ब लगाएं. ठंडी हवा से बचाव के लिए बाड़े को मोटे पर्दों ढकें.

कमजोर और छोटे मुर्गियों के लिए तापमान पर विशेष ध्यान दें. ठंड से बचाव न करने पर चूजे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं.

बीमार मुर्गियों में सांस लेने में कठिनाई, मुंह खोलना, नाक और आंखों से पानी गिरना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं.

चूजों और मुर्गियों को मक्का, बाजरा, प्रोटीन युक्त दाना और हल्का गुनगुना पानी दें. 

रोग फैलने से रोकने के लिए तुरंत अलग करना जरूरी है. इससे संक्रमण अन्य मुर्गियों तक नहीं पहुंचेगा.

बाड़े की नियमित सफाई और समय पर टीकाकरण से सर्दियों में संक्रमण और बीमारियों से बचाव होता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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