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इस खास नस्ल का नाम नर्मदा निधि नस्ल है. इस मुर्गी ने सीधे कड़कनाथ को टक्कर दी है.
जल्दी बढ़ने, अधिक अंडा और स्वादिष्ट मांस के साथ इस नस्ल ने किसानों के लिए बंपर मुनाफा पाने का नया रास्ता खोला है.
नर्मदा निधि मुर्गी केवल ढाई महीने में 800–900 ग्राम और साढ़े चार महीने में मुर्गा डेढ़ किलो तक बढ़ जाती है.
यह नस्ल सालाना 1500–1800 अंडे देती है, जिससे पालन करने वालों की आय बढ़ती है.
मांस में कम फैट और अधिक प्रोटीन, आयरन जैसे पोषक तत्व होते हैं, स्वास्थ्य के लिए लाभकारी.
नर्मदा निधि में बीमारी का असर कम होता है, जिससे पालन का खर्च घटता है.
25% कड़कनाथ और 75% जबलपुर कलर के गुण इसे तेजी से वजन बढ़ाने और अंडा उत्पादन में सक्षम बनाते हैं.
तीन से चार महीने में ही किसान मोटा मुनाफा कमा सकते हैं, क्योंकि इसकी बाजार डिमांड लगातार बनी रहती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.