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देसी तकनीक अपनाने वाले किसान कम खर्च में मुर्गियों को पला कर हर महीने अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं.
चूजों के शुरुआती 10 दिन बेहद महत्वपूर्ण होते हैं. इस दौरान पोषण और साफ-सफाई का ध्यान रखना उत्पादन के लिए जरूरी है.
मुर्गियों को दाने के साथ अजोला घास खिलाने से उनकी ग्रोथ तेज होती है और अंडे की संख्या बढ़ती है.
25-30 रुपये का चूजा 90 दिन में लगभग 1 किलो वजन का हो जाता है और अंडा उत्पादन बढ़ता है.
मुर्गा तैयार होने के बाद थोक में 250 रुपये प्रति किलो और खुदरा में 300-400 रुपये तक बिकता है.
मुर्गी पालन तिलहन, दलहन या सब्जी खेती के साथ किया जा सकता है, जिससे घर की फालतू जगह का उपयोग भी हो जाता है.
कम लागत, सही देखभाल और पोषण से मुर्गी पालन किसान के लिए नियमित और लाभकारी आय का स्थायी स्रोत बन गया है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.