वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के अनुसार, घर का मंदिर पॉजिटिव एनर्जी का केंद्र होता है. 

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लेकिन कई बार लोग अनजाने में ऐसी चीजें रख देते हैं जो नेगेटिविटी फैलाती हैं और घर के शांति पर असर डालती हैं. 

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, टूटी या खंडित मूर्तियां मंदिर की पवित्रता को नष्ट करती हैं. 

भगवान की फटी या पुरानी तस्वीरें पूजा का असर कम कर देती हैं. इन तस्वीरों को बदलकर नई और साफ तस्वीरें लगाएं.

मंदिर में केवल देवी-देवताओं की तस्वीरें ही रखनी चाहिए. पितरों की तस्वीरें घर के दक्षिण दिशा में लगाएं.

फटी या पुरानी आरती, चालिसा या धार्मिक पुस्तकें मंदिर में न रखें. उन्हें सम्मानपूर्वक विसर्जित करें.

भगवान को चढ़ाए फूल जब मुरझा जाएं, तो उन्हें तुरंत बदल दें. मुरझाए फूल वास्तु दोष लाते हैं.

प्रेमानंद महाराज के अनुसार, जीवित गुरु या संत की तस्वीर मंदिर में रखना अनुचित है.

मंदिर में धूल, जाले या गंदगी न रहने दें. गंदगी से सकारात्मक ऊर्जा रुक जाती है और पूजा का प्रभाव कम हो जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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