भाई की कलाई पर बंधी राखी प्रेम, सुरक्षा और सम्मान का प्रतीक होती है, जो भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करती है.

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मान्यताओं के अनुसार राखी को सावन पूर्णिमा से भाद्रपद अमावस्या तक, या फिर 3, 7 या 11 दिन तक पहना जा सकता है.

राखी को तुरंत नहीं उतारना चाहिए. मान्यता के अनुसार इसे कम से कम एक दिन तक कलाई पर बांधे रखना शुभ माना जाता है.

कई लोग इसे जन्माष्टमी या गणेश चतुर्थी के दिन उतारते हैं, जो धार्मिक रूप से उपयुक्त समय माना जाता है.

पितृपक्ष शुरू होने से पहले राखी को उतार लेना चाहिए, क्योंकि उस समय कोई शुभ कार्य या प्रतीक नहीं रखा जाता.

धूल, पानी और पसीने से गंदा होने पर राखी में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जिससे स्किन को नुकसान हो सकता है.

कलाई से उतारी गई राखी को नाली या कूड़ेदान में नहीं फेंकना चाहिए. इसे जल में प्रवाहित करना या पेड़ पर बांधना शुभ होता है.

अगर विसर्जन संभव न हो, तो राखी को किसी पौधे की जड़ में दबा देना भी अच्छा विकल्प है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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