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अधिक या कम पानी देने से जड़ें कमजोर हो सकती हैं और पत्ते पीले पड़ सकते हैं. मिट्टी को न ज्यादा सूखा रखें, न ज्यादा गीला.
गुलाब को दिन में 6-8 घंटे धूप चाहिए. कम धूप से पत्ते पीले होंगे और अधिक धूप से जलन हो सकती है.
फफूंदी, एफिड्स और सफेद पत्ती जैसी बीमारियों से पत्ते पीले पड़ते हैं. नियमित जाँच और जैविक कीटनाशक से बचाव करें.
मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी से पत्ते पीले होने लगते हैं. नाइट्रोजन युक्त उर्वरक से पौधे को ताकत दें.
गुलाब में मैग्नीशियम की कमी से पत्ते पीले हो सकते हैं. मैग्नीशियम युक्त खाद या कम्पोस्ट का उपयोग करें.
कार्बनिक खाद जैसे गोबर या कंपोस्ट से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पत्तों का पीला रंग कम होता है.
पौधे को सप्ताह में कम से कम एक बार जाँचें. शुरुआती लक्षण पकड़ने से बड़ी समस्याओं से बचा जा सकता है.
पीले या रोगी पत्तों को तुरंत हटा दें. इससे पौधे की ऊर्जा स्वस्थ पत्तों पर केंद्रित रहती है और फूल अच्छे आते हैं.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.