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तीतर पालन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे मुर्गी पालन के साथ उसी शेड में किया जा सकता है.
तीतर के दाने, पानी और देखभाल पर खर्च बेहद कम आता है. यही वजह है कि छोटे किसान भी इसे शुरू कर सकते हैं.
तीतर जल्दी माहौल में ढल जाते हैं और इन पर बीमारियों का असर कम होता है. इससे इलाज का खर्च भी सीमित रहता है.
तीतर के अंडे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, इसलिए होटल, रेस्टोरेंट और हेल्थ-कॉन्शस ग्राहक इन्हें ऊंचे दामों पर खरीदते हैं.
एक स्वस्थ मादा तीतर साल में करीब 300 से 320 अंडे देती है, जिससे किसानों को लगातार और स्थिर आय मिलती है.
सर्दियों में तीतर के मांस की मांग काफी बढ़ जाती है. इसे स्वादिष्ट और गर्म तासीर वाला माना जाता है.
तीतर बहुत जल्दी तैयार हो जाते हैं, जिससे किसान कम समय में बिक्री शुरू कर सकते हैं और कैश फ्लो बना रहता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.