देशी मुर्गियों की मांग तेजी से बढ़ी है क्योंकि इनका मांस स्वादिष्ट और पौष्टिक होता है. 

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नाटी, कड़कनाथ और वनराजा जैसी नस्लें किसानों के लिए कम खर्च में बड़ी आमदनी का आसान मौका देती हैं.

नाटी मुर्गी ग्रामीण इलाकों में सबसे पसंदीदा नस्ल है. यह साल में 70–120 अंडे देती है और जल्दी बढ़ती है.

नाटी मुर्गी का मांस स्वाद में बेहतरीन होता है. बाजार में इसकी कीमत 400–500 रुपये किलो तक मिल जाती है. 

कड़कनाथ अपनी पोषण मूल्य के कारण शहरों में भारी मांग रखता है. इसका मांस 600–1000 रुपये किलो तक बिकता है.

कड़कनाथ में प्रोटीन ज्यादा और फैट बेहद कम होता है. जिम जाने वाले, होटल और रेस्टोरेंट इसे लगातार खरीदते हैं. 

भारत की पुरानी नस्ल असील मुर्गा 5–6 किलो तक वजन पाता है और 50–80 अंडे देता है. 

वनराजा एक देसी-विदेशी मिश्रित नस्ल है, जो कम दाना खाकर भी 180–220 अंडे साल में देती है. 

गिरिराज मुर्गी 160–220 अंडे साल में देती है और 3–4 किलो वजन तक बढ़ती है. 

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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