आज दूध की बढ़ती मांग ने डेयरी फार्मिंग को किसानों के लिए कमाई का मजबूत जरिया बना दिया है. 

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अब सिर्फ भैंस ही नहीं, बल्कि कई देसी गायों की नस्लें भी कम खर्च में भरपूर दूध देकर अच्छा मुनाफा दे रही हैं.

देसी गायें भारतीय मौसम के अनुकूल होती हैं, इन्हें कम चारा लगता है और बीमारियां भी कम होती हैं.

भैंस के मुकाबले गायों को कम कम देखभाल की जरूरत होती है, जिससे छोटे किसान भी आसानी से इन्हें पाल सकते हैं.

साहीवाल गाय रोजाना 15 से 25 लीटर तक दूध देती है. इसका स्वभाव शांत होता है और यह गर्मी में भी अच्छी तरह रहती है.

गिर गाय 10 से 20 लीटर दूध देती है. इसका A2 दूध बाजार में ऊंचे दाम पर बिकता है, जिससे किसानों की आय बढ़ती है.

हरियाणा नस्ल की गाय 10 से 15 लीटर दूध देती है और खेती के कामों में भी मददगार होती है.

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत देसी नस्लों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे किसानों को बेहतर नस्ल का लाभ मिल रहा है.

कृत्रिम गर्भाधान, सैक्स सॉर्टेड सीमेन और IVF जैसी तकनीकों से अच्छी नस्ल के बछड़े मिल रहे हैं..

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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