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थोड़ी समझदारी और सही योजना से यह काम गांव में आमदनी बढ़ाने का मजबूत स्रोत बन सकता है.
देसी अंडा बिजनेस ज्यादा पैसे मांगता नहीं है. सिर्फ मुर्गी शेड, चूजे और दाने पर शुरुआती खर्च आता है.
एक देसी मुर्गी साल भर में औसतन 160–165 अंडे देती है, जिससे नियमित आमदनी सुनिश्चित होती है.
अंडों की बिक्री के लिए बड़े बाजार या दुकान की जरूरत नहीं, स्थानीय व्यापारी और ग्राहक खुद फार्म तक आते हैं.
देसी मुर्गियां कम बीमार पड़ती हैं और खुले माहौल में आसानी से पाली जा सकती हैं.
चूजों को 7 महीने तक अच्छे दाने और साफ-सफाई के साथ पालना जरूरी है, ताकि अंडा उत्पादन बेहतर हो.
देसी अंडे ताकत बढ़ाने और बच्चों व बुजुर्गों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं, इसलिए मांग हमेशा बनी रहती है.
200 मुर्गियों से सालाना 3–4 लाख रुपये की आमदनी संभव है, जिससे यह व्यवसाय लाभकारी बनता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.