कड़कनाथ मुर्गा सिर्फ एक नस्ल नहीं, बल्कि किसानों की कमाई का काला हीरा बन चुका है. 

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इसका मांस स्वादिष्ट, पौष्टिक और महंगा है—यही वजह है कि इसकी मांग देश-विदेश में तेजी से बढ़ रही है.

कड़कनाथ अपने स्वादिष्ट मांस के लिए मशहूर है. इसकी पौष्टिकता के कारण विदेशों में भी इसकी मांग है.

विशेषज्ञों के मुताबिक, सिर्फ 1,000 कड़कनाथ मुर्गों का पालन शुरू करने से कुछ महीनों में लाखों की कमाई हो सकती है. 

इस मुर्गे की त्वचा, मांस और खून तक काले रंग के होते हैं. यही वजह है कि इसे ब्लैक मीट चिकन कहा जाता है. 

कड़कनाथ का मांस प्रोटीन, आयरन, जिंक, अमीनो एसिड और विटामिन से भरपूर होता है. 

यह मुर्गा 90 से 100 दिन में तैयार होता है. इसके मांस में 27% तक प्रोटीन और सिर्फ 1% फैट होता है.

कड़कनाथ अन्य नस्लों की तुलना में बीमारियों से कम प्रभावित होता है. इससे पालन में नुकसान का खतरा घट जाता है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.

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