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सही फीडिंग, साफ-सफाई और सरकारी मदद से यह बिजनेस सोने की खान साबित हो सकता है.
पोल्ट्री फार्मिंग में बहुत ज्यादा निवेश की जरूरत नहीं होती. छोटे स्तर पर शुरू करके किसान धीरे-धीरे इसे बढ़ा सकते हैं.
पोल्ट्री फार्म में 65-70% खर्च सिर्फ फीड पर आता है, जिसे किसान अपने खेत से तैयार कर कम कर सकते हैं.
मुर्गियों की सेहत और उत्पादन दोनों फीडिंग पर निर्भर करते हैं. उम्र के अनुसार स्टार्टर्स, ग्रोअर्स और फिनिशर फीड दें.
पहले 10 दिन सबसे अहम होते हैं. फार्म में सफाई, सही तापमान और नियमित कीटाणुनाशक छिड़काव जरूरी है.
बीमारियां और संक्रमण पोल्ट्री में सबसे बड़ा खतरा हैं. फार्म को हमेशा साफ रखें और समय पर वैक्सिनेशन करें.
समेकित मुर्गी विकास योजना और राष्ट्रीय पशुधन मिशन जैसी योजनाओं में 50% तक की सब्सिडी मिलती है.
स्थानीय बाजारों से संपर्क बनाए रखें. अगर अंडे और मीट की सीधी बिक्री करें तो मुनाफा कई गुना बढ़ सकता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.