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भेड़ पालन बहुत कम खर्च में शुरू किया जा सकता है. इन्हें खास देखभाल या बड़ी जगह की जरूरत नहीं होती.
जम्मू-कश्मीर और हिमाचल की गद्दी भेड़ें ऊन उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं. एक भेड़ साल में लगभग 1.15 किलो ऊन देती है.
दक्कनी नस्ल ऊन और मांस दोनों के लिए जानी जाती है. ये सूखे इलाकों में भी आसानी से जीवित रहती हैं.
कर्नाटक की मांड्या भेड़ मांस उत्पादन के लिए बेहद मशहूर है. इनका मटन मुलायम और स्वादिष्ट होता है.
नेल्लोर भेड़: इस नस्ल का शरीर लंबा और मजबूत होता है. ये गर्म इलाकों में भी आसानी से पल जाती हैं.
मारवाड़ी भेड़: यह नस्ल सूखे और गर्म इलाकों के लिए एकदम उपयुक्त है. कम चारे और पानी में भी अच्छा उत्पादन देती है.
भेड़ों की ऊन से स्वेटर, कालीन, कंबल, शॉल और टोपी जैसे उत्पाद बनते हैं, जिससे किसानों की अतिरिक्त कमाई होती है.
कई किसान खेती के साथ भेड़ पालन को जोड़कर “डुअल इनकम मॉडल” अपना रहे हैं जिससे आमदनी दोगुनी हो जाती है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.