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2025 में यह व्रत 15 जुलाई, 22 जुलाई, 29 जुलाई और 5 अगस्त को रखा जाएगा. इन तिथियों पर शुभ योग बन रहे हैं.
यह व्रत माता पार्वती के सौभाग्य स्वरूप ‘मंगला गौरी’ को समर्पित होता है. इसे करने से गृहस्थ जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.
विवाहित महिलाएं यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र और सुखद वैवाहिक जीवन के लिए करती हैं.
जो कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की कामना करती हैं, उनके लिए मंगला गौरी व्रत अत्यंत लाभकारी माना जाता है.
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके लाल वस्त्र पहनें, पूजा स्थान पर गौरी माता की मूर्ति स्थापित करें. 16 श्रृंगार, फल और 16 दीप अर्पित करें.
‘ॐ गौरी शंकराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें और मंगला गौरी व्रत कथा का पाठ करें.
मंगलवार यानी 15 जुलाई को विशेष शुभ योग बन रहे हैं, जिससे व्रत का फल कई गुना अधिक मिलता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.