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इसकी समाप्ति 30 सितंबर शाम 6:06 बजे पर होगी. महानवमी 1 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
नवमी तिथि 30 सितंबर शाम 6:06 बजे से शुरू होकर 1 अक्टूबर शाम 7:01 बजे तक रहेगी.
अष्टमी पर मां महागौरी की पूजा करें. उन्हें श्वेत पुष्प, चुनरी, नारियल और सिंदूर चढ़ाएं और दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री को पीले फूल, हलवा-पूरी, नारियल और चना अर्पित करें.परिवार सहित भोग लगाएं.
अष्टमी और नवमी पर 2, 5, 7 या 9 कन्याओं व एक बालक (भैरव स्वरूप) को भोजन कराना बेहद शुभ माना जाता है.
अष्टमी व नवमी के संधिकाल में हवन करना श्रेष्ठ होता है. दुर्गा सप्तशती के मंत्रों के पाठ से परिवार में सकारात्मकता बढ़ती है.
पूजा से पहले संकल्प लें और “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप करें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी केवल सामान्य ज्ञान पर आधारित है.